Ganpati Aarti PDF | Shri Ganpati Aarti Lyrics | Ganpati Aarti Marathi PDF Download श्री गणेश आरती | aarti book ganesh| Ganesh Aarti PDF in Hindi
PDF Name | गणपतीची (सुखकर्ता दुखहर्ता) आरती | Ganpati Aarti Hindi |
No. of Pages. | 7 |
Language. | Hindi |
PDF Size | 400 KB |
PDF Category. | Religion & Spirituality. |
Wed Site Name | https://pdfbhavan.com/ |
Ganpati Aarti PDF
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मान्यता है कि गजानन की पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। नियमित रूप से गणेश पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सफलता मिलती है।
भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी दिक्कतें और विपत्तियां दूर हो जाती हैं, इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है। इसके बाद एक निश्चित दिन पर इस प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है।
गणेश जी की पूजा के समय सबसे जरूरी होती है उनकी आरती जिसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। यहां देखें गणपति (गणपती) जी की आरती। . गणेश आरती | Ganesh (Ganpati) Aarti PDF Hindi
श्री गणेशजी की आरती. Ganpati Aarti
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
गणेश अष्टकम का जाप भगवान गणेश को पाठक की भलाई, व्यापार और आजीविका में हर बाधा को दूर करने के लिए आमंत्रित करता है ।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
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गणपती आरती/जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती.
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती । तुझे गुण वर्णाया मज कैंची स्फूर्ती ॥ ध्रु० ॥ नानापरिमळ दूर्वा शमिपत्रें । लाडू मोदक अन्नें परिपूरित पातें । ऐसें पूजन केल्या बीजाक्षरमंत्रें । अष्टहि सिद्धी नवनिधि देसी क्षणमात्रें ॥१॥ तुझे ध्यान निरंतर जे कोणी करिती । त्यांची सकलहि पापें विघ्नेंही हरती ॥ वाजी वारण शिबिका सेवक सुत युवती । सर्वहि पावुनि अंती भवसागर तरती ॥ जय देव० ॥ २ ॥ शरणागत सर्वस्वे भजती तव चरणीं । कीर्ति तयांची राहे जोंवर शाशितरणी ॥ त्रैयोक्यों ते विजयी अद्भुत हे करणी । गोसावीनंदन रत नामस्मरणीम ॥ जय देव जय देव० ॥३॥.
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गणपतीची (सुखकर्ता दुखहर्ता) आरती | Ganpati Aarti Marathi PDF
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची, नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची,
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची, कंठी झलके माल मुकताफळांची,
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति,
जय देव जय देव, रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा,
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा, हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा,
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया, जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति, जय देव जय देव,
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना, सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना,
दास रामाचा वाट पाहे सदना, संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना,
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति,
जय देव जय देव, शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को,
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को, हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को,
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को, जय जय जय जय जय,
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता, धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता,
जय देव जय देव, अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी,
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी, कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी,
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी, जय जय जय जय जय,
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता, धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता,
जय देव जय देव, भावभगत से कोई शरणागत आवे,
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे, ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे,
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे, जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता,
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